और उसे ही गोली से उड़ा दिया कसाब ने-
26/11 हमले में जीटी अस्पताल में सफाईकर्मी ठाकुर ने कसाब को कांपते हाथों से पानी पिलाया। आतंकी ने इसे तपाक से पी लिया। फिर उसने बेरहमी से उस पर गोली चलाई।
कसाब से मामले से जुड़े तथ्य
- पिछले साल अप्रैल में जब मुक़दमे की कारवाई शुरू हुई तो कसाब के ख़िलाफ़ 86 अलग-अलग आरोप लगाये गए, जिनमें भारत के ख़िलाफ़ युद्ध और हत्या के इल्ज़ाम सब से अहम थे.
- मुक़दमे के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया गया और मुंबई की आर्थर रोड जेल के अन्दर अदालत बिठाई गई। सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए. इन सब में सरकार ने काफ़ी पैसे ख़र्च किए.
- मुक़दमे के दौरान 600 से अधिक गवाहों को अदालत में पेश किया गया.
मुक़दमे में कई ड्रामाई मोड़ आए। शुरू में ही कसाब ने दावा किया की वो नाबालिग़ है। यह दावा ग़लत पाया गया।
मुक़दमे में कई ड्रामाई मोड़ आए। शुरू में ही कसाब ने दावा किया की वो नाबालिग़ है। यह दावा ग़लत पाया गया।
-जुलाई में अभियुक्त कसाब ने अचानक अपना ज़ुर्म क़ुबूल कर लिया और जज से फांसी पर लटका देने को कहा। लेकिन जज ने उसकी दरख़्वास्त रद्द कर दी और मुक़दमा जारी रहने के आदेश दिए.
-कसाब के इस रवैये पर सरकारी वकील उज्जवल निकम ने उसे अभिनेता और नाटकबाज़ जैसे नाम दिए.
- मुकदमे में अगला नाटकीय मोड़ उस समय आया जब कसाब के वकील अब्बास काज़मी को जज ने केस से बाहर कर दिया. जज का कहना था की काज़मी मुक़दमे की कार्रवाई में देरी करके इसे तूल देना चाहते हैं.
-बाद में काज़मी ने बीबीसी से एक बातचीत में दावा किया कि जज ने उन्हें झूठा कहा और सरकारी वकील ने उन्हें आतंकवादी का वकील कहा. उन्होंने यह भी शिकायत की कि अदालत का माहौल उनके ख़िलाफ़ था.
-पाकिस्तान ने आख़िर ये मान लिया कि कसाब उसका ही नागरिक है। पाकिस्तान ने यह भी स्वीकार किया कि मुंबई पर हुए हमलों में कुछ हद तक पाकिस्तानी नागरिक शामिल हो सकते हैं.
काज़मी की जगह उनके जूनियर वकील पवार को कसाब का वकील घोषित किया गया.
- आख़िर मार्च में मुक़दमा ख़त्म हुआ. जज को कसाब के ख़िलाफ़ किसी फ़ैसले पर पहुँचने के लिए एक महीने से अधिक समय मिला है.
-कसाब के इस रवैये पर सरकारी वकील उज्जवल निकम ने उसे अभिनेता और नाटकबाज़ जैसे नाम दिए.
- मुकदमे में अगला नाटकीय मोड़ उस समय आया जब कसाब के वकील अब्बास काज़मी को जज ने केस से बाहर कर दिया. जज का कहना था की काज़मी मुक़दमे की कार्रवाई में देरी करके इसे तूल देना चाहते हैं.
-बाद में काज़मी ने बीबीसी से एक बातचीत में दावा किया कि जज ने उन्हें झूठा कहा और सरकारी वकील ने उन्हें आतंकवादी का वकील कहा. उन्होंने यह भी शिकायत की कि अदालत का माहौल उनके ख़िलाफ़ था.
-पाकिस्तान ने आख़िर ये मान लिया कि कसाब उसका ही नागरिक है। पाकिस्तान ने यह भी स्वीकार किया कि मुंबई पर हुए हमलों में कुछ हद तक पाकिस्तानी नागरिक शामिल हो सकते हैं.
काज़मी की जगह उनके जूनियर वकील पवार को कसाब का वकील घोषित किया गया.
- आख़िर मार्च में मुक़दमा ख़त्म हुआ. जज को कसाब के ख़िलाफ़ किसी फ़ैसले पर पहुँचने के लिए एक महीने से अधिक समय मिला है.
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